बाल गीत : शिवचरण चौहान
मुझे बहुत भाते हैं नानी,
मीठे-मीठे आम.
भर डलिया तू मुझे खिला दे,
लूँगा तेरा नाम.
बहुत बड़ी बगिया है तेरी,
छोटा मेरा पेट.
और पेट से भी छोटा है,
मेरे मुँह का गेट.
नहीं करूँ फिर कंजूसी के
लिए तुझे बदनाम.
न दे टाफी न दे बिस्किट,
दे बस केवल आम.
आम खिलाकर करवा ले तू,
मुझसे सारे काम.
सिर्फ एक दिन को कर दे तू,
बगिया मेरे नाम.
शिवचरण चौहान
जन्म : 26 दिसंबर 1965
बच्चों के लिए लम्बे समय से कविताओं का लेखन
कई पुस्तकें प्रकाशित
संपर्क : कानपुर
मो. 094157 31366
चित्र में आदित्य
चित्र में आदित्य
आम की ही तरह रसीली कविता !!
जवाब देंहटाएंशिव चरण जी का प्रस्तुत बाल गीत हर किसी के बचपन की वास्तविकता है। बाल मन जिस चीज़ में भी रम जाता है,उसे पाने की हर संभव चेष्टा भी करता है। मेरी और से रचनाकार को हार्दिक बधाई।
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