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मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

दिव्यांशी की पहली कविता 'आने वाले हैं सर !'

आने वाले हैं सर 
कविता : दिव्यांशी शर्मा
पंखा चलता सर सर सर,
आने वाले हैं मेरे सर।
पूछेगें, 'क्या है करसर?'
तब घूमेगा मेरा सर!
जैसे धरती लगाए चक्कर,
देखूँगी मैं इधर-उधर ।
तभी दिखेगा कम्प्यूटर,
आ जाएगा आंसर।
दिव्यांशी शर्मा
कक्षा 4
रेयान इंटरनेशनल स्कूल,
शाहजहाँपुर

9 टिप्‍पणियां:

  1. नया सोच, नया विषय,सरल सहज रचना। शुभकामनाएं प्रकाश तातेड़ उदयपुर

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  2. प्यारी बिटिया की उससे भी प्यारी कविता

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  3. सुखद एवं सराहनीय प्रयास।👍👍

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  4. प्यारी कविता, बाल काव्य के सुखद भविष्य की ओर इंगित करती है।

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  5. I have not any word to appreciate this post…..Really i am impressed from this post….

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