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शुक्रवार, 26 जनवरी 2018

शिशुगीत : उत्सव गणतंत्र दिवस का_विष्णुकांत पांडेय

उत्सव  गणतंत्र दिवस का 

विष्णुकांत पांडेय 

त्सव था गणतंत्र दिवस का, 
खूब लगी थी होड़. 
गीदड़ जी ने कुश्ती जीती,
कछुआ जी ने दौड़.
जैसे  जी  हाथी जी आए 
और लगाई जम्प,
कहकर बन्दर जी यों  भागे 
यह कैसा भूकंप.
विष्णुकांत पांडेय 
जन्म -07 मई 1933

कृतियां - गुड़िया रानी हँसे हँसाए, मेरे शिशु गीत, कुछ पत्ते कुछ फूल, जय बोलो गांधी बाबा कीता चल मुसकाता चल, सारे गीत तुम्हारे गीत, आओ गीत सुनाएँ, चाचा नेहरू, खट्टे हैं अंगूर
निधन- 22 सितम्बर 2002

1 टिप्पणी:

  1. वाह! बहूत खूब!!

    जैसे जी हाथी जी आए … में टाइपिंग त्रुटि सुधार करें।

    जवाब देंहटाएं

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