सीधे-सादे नेक हमारे दादा जी.
लाखों में हैं एक हमारे दादा जी.
हमें खिलाते लड्डू-पेड़ा-रसगुल्ला,
टॉफी-बिस्कुट-केक हमारे दादा जी.
सैर करायें, कहें कहानी, सँग खेलें,
करते काम अनेक हमारे दादा जी.
चाहे जितना खेलें उधम मचायें हम,
नहीं लगाते ब्रेक हमारे दादा जी.
पापा-मम्मी डाँटें-मारें ग़लती पर,
क्षमा करें मिस्टेक हमारे दादा जी.
कमलेश द्विवेदी
पिता: स्व. प्रेमनाथ द्विवेदी "रामायणी"
माता: श्रीमती सुशीला देवी
जन्म तिथि: 25अगस्त 1960
शिक्षा: परास्नातक,विधि स्नातक
सृजन: मुख्यतः हास्य-व्यंग्य रचनाएँ साथ ही गीत-ग़ज़ल एवं बालगीत भी
प्रकाशन: पत्र पत्रिकाओं में बालगीत प्रकाशित
सम्मान: चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट,भारतीय बाल कल्याण संस्थान,सुभाष चिल्ड्रेन सोसायटी आदि संस्थाओं से बाल साहित्य सृजन हेतु सम्मानित
सम्प्रति: एडवोकेट/स्वतंत्र लेखन
संपर्क: 119/427 दर्शन पुरवा,कानपुर-208012 (उ.प्र.)
मो.09415474674/09140282859
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