बाल-मंदिर परिवार

हमारे सम्मान्य समर्थक

मंगलवार, 13 सितंबर 2011

बकरे का सिगार (शिशुगीत)-शंभू प्रसाद श्रीवास्तव


शिशुगीत : शंभू प्रसाद श्रीवास्तव 
बकरे दादा लेकर आए ,
मोटा एक सिगार . 
दियासलाई में बाकी थीं ,
बची तीलियाँ चार .
एक - एक कर लगे जलाने 
थे  शौक़ीन अनाड़ी . 
धुआँ नहीं निकला सिगार से ,
मगर जल गई दाढ़ी .

शंभू प्रसाद श्रीवास्तव 
जन्म 15  जून  1936 , वाराणसी
शेर सखा का सम्पादन किया 
बच्चों के लिए दर्जनों पुस्तकें लिखीं .
निधन : कोलकाता में 
चित्र साभार गूगल सर्च 

5 टिप्‍पणियां:

टिप्पणी के लिए अग्रिम आभार . बाल-मंदिर के लिए आपके सुझावों/ मार्गदर्शन का भी सादर स्वागत है .