जय प्रकाश मिश्र प्रकाश
चूँ चूँ करती चिड़िया आई,
चोंच में अपने दाना लाई.
बच्चों ने मुँह को फैलाया,
चिड़िया रानी के मन भाया.
मुँह में उनके दाना डाला,
दाने का था स्वाद निराला.
चुकुर चुकुर कर दाना खाते,
प्रेम से रहते चूँ चूँ गाते.
जय प्रकाश मिश्र प्रकाश
प्रकाशित पुस्तक : बाल गीतिका
पटेल रोड, ओ सी एफ शाहजहांपुर
नन्हा चित्रकार निमिष
आपकी पोस्ट 17/5/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
चर्चा - 882:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
kavita aur chitra dono hi Lovely Lovely..Congrats...
जवाब देंहटाएंSo Cute!!!
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी कहानी (कविता)
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