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गुरुवार, 14 जुलाई 2011

गुरुवर तुम्हें प्रणाम -राम निरंजन शर्मा ठिमाऊं


बाल कविता :राम निरंजन शर्मा ठिमाऊं 
गुरुवर तुम्हें प्रणाम !

ठीक समय  पर  शाला आते , 
सत्य बोलना हमें सिखाते .
मीठी-मीठी कविता गाते , 
चाहा कब विश्राम .
नए अनूठे पाठ पढ़ाते , 
हमको सुन्दर लेख  लिखाते . 
नयी-नयी बातें बतलाते.
कभी  न चाहा नाम . 
तुमने जीना हमें सिखाया , 
अंधकार को दूर भगाया.
और ज्ञान का दीप जलाया , 
जाने जगत तमाम . 

राम निरंजन शर्मा ठिमाऊं .
जन्म : 6 ,जून 1928
शिक्षा : एम् . ए. (संस्कृत , अंग्रेजी ), बी. एड. 
दर्जनों पुस्तकें   प्रकाशित .
पिलानी ,राजस्थान में रहते थे .गत दिनों  निधन हो गया . 

4 टिप्‍पणियां:

  1. गुरुवर तुम्हें प्रणाम ! सुन्दर बाल कविता...

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  2. मेरे विद्यार्थी जीवन (पिलानी) १९५९-१९६३
    में अत्यधिक स्नेह प्रदान करने वाले गुरु श्री राम निरंजन शर्मा 'ठिमाऊं' जी को शत शत नमन !

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