बाल कविता : रामकुमार गुप्त
मस्ती में हो खूब बजाया.
ऐसा अपना रंग जमाया.
झूम चला वह जैसे चढ़ने ,
टूटा मंच, गिरा-चिल्लाया.
जन्म : 30.12.1944, भिनगा श्रावस्ती
शिक्षा : एम. ए.(अर्थ शास्त्र, समाज शास्त्र, हिन्दी); बी.टी.
प्रकाशन : बाल साहित्य के क्षेत्र मेँ लम्बे समय से सक्रिय. प्रमुख
पत्र-पत्रिकाओ/संकलनों मे सैकड़ों रचनाएं प्रकाशित.
कार्य क्षेत्र : पूर्व प्रवक्ता, कृषक समाज इंटर कालेज, गोला गोकर्णनाथ, खीरी
सम्पर्क : निकट मंगलादेवी मन्दिर,
गोला गोकर्णनाथ, खीरी
262802 (उ. प्र.)
मो. न. 093070 32899
सम्पर्क : निकट मंगलादेवी मन्दिर,
गोला गोकर्णनाथ, खीरी
262802 (उ. प्र.)
मो. न. 093070 32899
सभी चित्र गूगल सर्च से साभार
बहुत बढिया ाबालमन को छूती है
जवाब देंहटाएंgood poem
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