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बुधवार, 8 फ़रवरी 2012

राम कुमार मिश्र 'मधुकर' की बाल कविता :

चंदा  मामा  सबके  मामा
 बाल कविता : राम कुमार मिश्र ' मधुकर '  
चंदा  मामा  सबके  मामा  , 
बाबा  हो या  पोता  . 
सारी  रात  यात्रा  करते  , 
जब  जग  होता  सोता  . 
सबको  दूध  मलाई देते  , 
कितनी उनके  घर  है ? 
बाबा कहते उनके घर तो 
अमृत का सागर है. 
राम कुमार मिश्र ' मधुकर '
भक्ति साहित्य के समर्पित कवि
जन्म : ५ जनवरी, १९३६ ,अहिरवाडा, बीसलपुर, पीलीभीत  
१७ पुस्तकें प्रकाशित.
बच्चों के लिए कविताओं का निरंतर प्रकाशन 
एक पुस्तक बालगीत कुञ्ज  प्रकाशित
मनीषिका कोलकाता , नागरी बाल साहित्य संस्थान , बलिया, बाल प्रहरी , अल्मोड़ा इत्यादि अनेक संस्थाओं से सम्मानित
संपर्क : ललित प्रकाशन, खलील शर्की, शाहजहांपुर (उ.प्र.) 

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