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मंगलवार, 18 अप्रैल 2017

डॉ.फहीम अहमद का बाल गीत _खा ली मैंने मिर्च ,उई माँ !

खा ली मैंने मिर्च ,उई माँ !
बाल गीत : डॉ.फहीम अहमद 
खा ली मैंने मिर्च ,उई माँ !

खा ली मैंने मिर्च ,उई माँ !

टॉफी केक जलेबी छोड़ी,
डलिया में थी मिर्च निगोड़ी,
सोचा लाओ चख लूँ थोड़ी।

मुझसे तीखी भूल हुई ,माँ!

चखी मिर्च मै लगा उछलने ,
जीभ लगी उफ़ मेरी जलने,
आंसू फ़ौरन लगे निकलने।

कान गरम हैं नाक चुई ,माँ!

तोता खाए टें -टें बोले,
नहीं मिठाई को मुंह खोले ,
बिना मिर्च पिंजड़े में डोले,

कैसी उसकी जीभ मुई ,माँ !

गई नहीं अब तक कड़वाहट,
अम्मा दे दो मुझे अमावट,
कान पकड़ता हूँ मै झटपट।

फिर जो मैंने मिर्च छुई,माँ!
डॉ.फहीम अहमद
●पिता-स्वर्गीय श्री शमीम अहमद
●जन्मतिथि-23जून 1977
●शिक्षा-एम०ए०(हिंदी)बी०एड,पीएच०डी०,नेट
●जन्म स्थान-रुदौली (फैज़ाबाद)
●कृतियाँ-हाथी की बारात(बाल काव्य संग्रह),अनोखी दावत (बाल कथा संग्रह)
●लेखन विधाएं-कविता,कहानी,नाटक,पहेलियाँ आदि।
●प्रकाशन-
★देश भर की पत्र -पत्रिकाओं में 600 से अधिक रचनाएँ प्रकाशित।
★12 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के संकलनों में रचनाएँ सम्मिलित। 
★100 से अधिक शोधआलेख,समीक्षाओं ,पुस्तकों आदि मे रचनाओं का ससम्मान उद्धरण/उल्लेख।
★कविता कोश,हिंदी समय आदि वेबसाइट्स में रचनाएँ संकलित।
★'हिंदी बालसाहित्य में डॉ फ़हीम अहमद का योगदान 'विषय पर अंजनी चौधरी (पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जौनपुर)द्वारा लघु शोध प्रबंध प्रस्तुत।
★आकाशवाणी से काव्यपाठ प्रसारित। ●पुरस्कार/सम्मान-
★बालकन जी बारी इंटर नेशनल ,दिल्ली से राष्ट्रीय युवा कवि अवार्ड ।
★उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ से बाल साहित्य का सूर पुरस्कार।
★नागरी बालसाहित्य संस्थान बलिया,भारतीय बाल कल्याण संस्थान कानपुर,सरिता लोकभारती संस्थान सुल्तानपुर,बाल प्रहरी (अल्मोड़ा )सहित कई संस्थाओं से बाल साहित्य सेवा के लिए सम्मानित।
●सम्प्रति-असिस्टेंट प्रोफ़ेसर ,हिंदी विभाग,मुमताज पी.जी .कालेज ,लखनऊ
संपर्क 485/301,जेलर्स बिल्डिंग,बब्बू वाली गली,लकड़मंडी,डालीगंज,लखनऊ226020(उ.प्र.)मो.8896340824

3 टिप्‍पणियां:

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