चूहेमल का देखो खेल , चले ऊँट की पकड़ नकेल . बुड- बुड-बुड-बुड बोला ऊँट - ''मुझे पिला पानी दो घूंट .'' ======== कन्हैया लाल मत्त हिंदी बाल साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर . बच्चों के लिए मजेदार शिशुगीत लिखे . गाजियाबाद में रहते थे. |
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बुधवार, 8 जून 2011
चूहेमल का देखो खेल - कन्हैया लाल मत्त
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सुंदर शिशुगीत।
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बाबूजी, न लो इतने मज़े...
चलते-चलते बात कहे वह खरी-खरी।
बहुत सुन्दर और रोचक बाल गीत..
जवाब देंहटाएंअच्छा है, जी!
जवाब देंहटाएंवाकई, यह तो मजेदार गीत है...
जवाब देंहटाएं___________________
'पाखी की दुनिया ' में आपका स्वागत है !!
अच्छा है, जी!
जवाब देंहटाएंअच्छा है....
जवाब देंहटाएंख़ूबसूरत चित्र के साथ बहुत सुन्दर बाल गीत!
जवाब देंहटाएंबहुत मज़ेदार, बहुत ही प्यारी कविता
जवाब देंहटाएंसरल,सहज व गेय शिशु गीत।
जवाब देंहटाएंसुधा भार्गव