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सोमवार, 7 मार्च 2011

अपना पंथ स्वयं ही गढ़ना


बाल कविता :राम सिंह दोषी 
बच्चों शिक्षा बहुत जरुरी , 
चाहे कितनी हो मज़बूरी . 
ध्यान लगाकर पढो हमेशा , 
कभी न हो पढने से दूरी . 
शिक्षा कभी न मिट सकती है , 
शिक्षा कभी न घट सकती है  
राजा हो या  चोर मगर यह , 
नहीं किसी से बँट सकती है .
बच्चों सदा परिश्रम से ही ,
अपना पंथ स्वयं ही गढ़ना .
शिक्षा  के बल पर जीवन में , 
नित उन्नत चोटी पर चढ़ना .  
[] [] [] 
राम सिंह दोषी 
जन्म :5 जुलाई ,1944 , जलालाबाद  
सहायक  पोस्टमास्टर पद से सेवा निवृत्त 
संपर्क : सुभाष नगर , शाहजहांपुर 

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