बाल कविता : उदय किरोला
खेल करो जी खेल करो ,
आपस में सब मेल करो .
जीत - हार का होता खेल ,
आपस में तुम रखना मेल .
यदि जीतो तो ख़ुशी मनाओ ,
हारो भी तो मत पछताओ .
मत करना जी ठेलम ठेल .
मिलकर सदा खेलना खेल ,
खेल करो जी खेल करो ,
आपस में सब मेल करो .
मेल करो जी मेल करो ,
खेल करो जी खेल करो ,
उदय किरोला
जन्म : 12 मार्च ,1960, कलौटिया ,द्वाराहाट
शिक्षा : एम्. ए. {हिंदी,समाज शास्त्र }; एम्. काम
प्रकाशित बाल कविता संग्रह : मीठे जामुन
संपर्क : संपादक 'बाल प्रहरी ' , जाखन देवी , अल्मोड़ा -उत्तराखंड
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चित्र में : किरोला जी के साथ है सृजन
bahut sundar kavita thank you!!!
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