किशोर कविता : त्रिलोक सिंह ठकुरेला 
भगवन ! हमको ऐसा वर दो . 
जग के के सारे सद्गुण भर दो . 
हम फूलों जैसे मुस्काएँ , 
सब पर प्रेम-सुगंध  लुटाएँ  .
हम परहित कर ख़ुशी मनाएँ , 
ऐसे भाव ह्रदय में भर दो . 
दीपक बनें , लड़ें हम तम से , 
ज्योतिर्मय हो यह जग हम से .
कभी न हम हम घबराएँ गम से .
तन-मन सबल हमारे कर दो . 
सत्य मार्ग पर बढ़ते जाएँ , 
सबको ही सन्मार्ग दिखाएँ . 
सब मिलकर जीवन-फल पाएँ , 
ऐसा ज्ञान , बुद्धि से भर दो . 
त्रिलोक सिंह ठकुरेला 
 जन्म 01 अक्टूबर 1966 ,नगला मिश्रिया, हाथरस (उत्तर प्रदेश)
प्रकाशन -नया सवेरा (बालगीत संग्रह)
सम्प्रति- उत्तर पश्चिम रेलवे में इंजीनियर 
 सम्पर्क सूत्र -बंगला संख्या - एल. 99रेलवे चिकित्सालय के सामनेआबूरोड - 307026 (राजस्थान)
मोबा. 9460714267
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चित्र में : बद्रीनाथ धाम
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चित्र में : बद्रीनाथ धाम


प्यारी सी प्रार्थना लिए सुंदर कविता
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
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जादुई चिकित्सा !
इश्क के जितने थे कीड़े बिलबिला कर आ गये...।
बहुत सुन्दर प्रार्थना
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