बाल-मंदिर परिवार

हमारे सम्मान्य समर्थक

मंगलवार, 9 अगस्त 2011

हे भगवन , एक है विनती ( शिशुगीत ) : रमापति शुक्ल


  शिशुगीत : रमापति शुक्ल 

हे  भगवान , एक है विनती ,
मुझे याद हो जाए गिनती .

कल ही इसे सुनाना होगा ,

या  फिर डंडा खाना होगा .
बार-बार रटता-दुहराता .
डर से मगर  भूलता जाता .
अगर मुझे दिलवा दो माफ़ी, 
तो भर पेट खिलाऊं टाफी .
 रमापति शुक्ल 
जन्म : १९११ , गोरखपुर
शिक्षा : एम्. ए.(हिंदी' अर्थ शास्त्र ) ; बी. टी.
प्रकाशित कृतियाँ :
 अंगूरों का गुच्छा , हुआ सवेरा , शैशव , राष्ट्र के बापू , मुन्नी की दुनियां , बच्चों के भाव गीत 
आप काशी विद्यापीठ , काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शिक्षा संकाय के अध्यक्ष थे . 
हिंदी में बाल साहित्य पर सबसे  पहले (१९५२ में )शोध कार्य ज्योत्स्ना दिवेदी का 'हिंदी किशोर साहित्य ' आपके ही निर्देशन में हुआ 

गुरुवार, 4 अगस्त 2011

पानी बरसे झम -झम -झम .


बाल कविता : डा. महेंद्र  भटनागर 

पानी बरसे झम  -झम -झम . 
आगे-आगे 
गर्मी भागे 
हँस-हँस गाने गाएँ हम . 
पानी बरसे झम  -झम -झम . 
मेढक बोलें 
पंछी डोलें   
बादल गरजें जैसे बम . 
पानी बरसे झम  -झम -झम . 
नाव चलाएँ 
खूब नहाएँ .
आओ कूदें धम्मक -धम . 
पानी बरसे झम  -झम -झम . 

डॉ. महेंद्र  भटनागर
जन्म : 26/06/1926, ननसार, झाँसी (उ.प्र.)

बाल-किशोर साहित्य- हँस-हँस गाने गाएँ हम!, बच्चों के रूपक, देश-देश की बातें, जय-यात्रा, दादी की कहानियाँ, महेंद्रभटनागर-समग्र (विविध खंड 6)
सम्मान : ग्वालियर साहित्य अकादमी द्वारा अलंकरण-सम्मान-2004, हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग ने साहित्य वाचस्पति- 201
सम्पर्क सूत्र : सर्जना भवन 110, बलवन्तनगर, गांधी रोड, ग्वालियर-474 002 (म.प्र.)09893409793
निधन : 27 अप्रैल, 2020