प्यारी छुटकी रानी बाल कविता : विनोद भृंग चित्रों में : नयना और प्रियांशु प्यारी-प्यारी छुटकी रानी! जब देखो, सोयी रहती है, सपनों में खोयी रहती है. जरा हिलाओ, जग जाती है, अभी नहीं कुछ भी खाती है. चस-चस पीती दूध अभी बस, कभी-कभी पीती है पानी. नन्ही-सी यह प्यारी गुड़िया, दादी की गोदी में खेले. सबके पास चली जाती है, कोई इसे प्यार से ले ले. कुछ दिन बाद बड़ी जब होगी, खूब करेगी यह शैतानी. विनोद भृंग जी जन्म ; १ सितम्बर , १९५२ , सहारनपुर प्रकाशित बाल कविता संग्रह : जादूगर बादल संपर्क : ९/२८१ , हरनाथपुरा , सहारनपुर मो. ०९७५८३५०२४७ |
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शनिवार, 12 फ़रवरी 2011
प्यारी छुटकी रानी
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बाल कविता बहुत अच्छी लगी धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंनयना तुमको यहाँ देखकर
जवाब देंहटाएंमेरा मन मुस्काया!
यह कविता भी धन्य हो गई,
जिसने तुमको पाया!
मुझे यह बाल कविता बहुत अच्छी लगी
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