सर्दी का होने लगा अंत ,
आया बसंत ,आया बसंत .
डाली-डाली पर फूल खिले ,
क्या भीनी-भीनी हवा चले .
लो, बाग-बगीचे महक उठे ,
पंछी खुश होकर चहक उठे .
तितलियाँ उड़ रही फूलों पर ,
यह मौसम है सबसे सुंदर .
[] [] []
निर्मला सिंह
हिंदी की चर्चित महिला कथाकार
बाल कहानी लेखन के नए प्रयोगों के लिए चर्चित .
जन्म ;९अप्रैल , १९४३ ,
प्रकाशित बाल साहित्य :
बाल कविता संग्रह : इक्कीस बालगीत , हम हैं हिन्दुस्तानी
बाल कहानी संग्रह :थैंक यू मम्मी सॉरी पापा , पापा पिकनिक चलो न ,
आसमान से रुई गिर रही है , वाह ! वाह ! बड़े तीरंदाज हैं
संपर्क : १८५ , सिविल लाइन , बरेली
सर्दी का होने लगा अंत ,
जवाब देंहटाएंआया बसंत ,आया बसंत .
बहुत सुन्दर कविता...प्यारी लगी.
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'पाखी की दुनिया' : इण्डिया के पहले 'सी-प्लेन' से पाखी की यात्रा !