ए बी सी डी ई एफ जी ,
पढ़कर सारी अंग्रेजी .
वन्या बोली-''बहुत पढ़ा,
खाऊँगी अब दही-बड़ा.''
माँ बोली तब हँसकर के -
''उल्टी-पुस्तक को धर के ,
झूँठ-मूँठ का पाठ पढ़ा ,
बिटिया कैसा दही-बड़ा ?''
डा. उषा यादव
जन्म : २ अप्रैल , १९४८ , कानपुर
शिक्षा : एम्. ए. (हिंदी, इतिहास)
पी-एच.डी. ; डी. लिट.
बच्चों के लिए कहानी , उपन्यास , और कविताओं की कई पुस्तकें प्रकाशित .
संपर्क: ७३, नार्थ ईदगाह कालोनी , आगरा
सुन्दर व सार्थक बाल कविता....
जवाब देंहटाएंदही-बड़े जैसी टेस्टी बाल कविता...
जवाब देंहटाएंबढ़िया कविता...
जवाब देंहटाएंअम्बिका का फोटो बहुत अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंए बी सी डी ई एफ जी ,
जवाब देंहटाएंपढ़कर सारी अंग्रेजी .
वन्या बोली-''बहुत पढ़ा,
खाऊँगी अब दही-बड़ा.''
माँ बोली तब हँसकर के -
''उल्टी-पुस्तक को धर के ,
झूँठ-मूँठ का पाठ पढ़ा ,
बिटिया कैसा दही-बड़ा ?''
The poem in the webpage has been disfigured. The real name is VANYA not Ambu
Words should not be changed in the poem
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