बाल कविता : मधुसूदन साहा
चित्र : ज्योति कश्यप
चित्र : ज्योति कश्यप
मुर्गा मामा, मुर्गा मामा,
क्यों तुम बांग लगाते हो ?
जब आती है नींद जोर से,
आकर मुझे जगाते हो।
तुमको नींद न आती है,
निंदिया नहीं सताती है।
पौ फटने से पहले ही,
अपना बिगुल बजाते हो।
कलगी मुझको भाती है,
लाली मुझे लुभाती है।
क्या इसको दमकाने को,
पहली किरण लगाते हो ?

मधुसूदन साहा
जन्म : 15 जुलाई 1940 , धमसई, गोड्डा, झारखण्ड
शिक्षा एम. ए., पी-एच. डी.
कई पुस्तकें प्रकाशित
संपर्क : डी 90
कोयल नगर, राउरकेला- 769014