चित्र साभार : गूगल
अनोखी दावत
चंपक चाचा दावत पहुंचे
भूख लगी थी भारी
और पेट में कूद रहे थे
चूहे बारी बारी
सबसे पहले जी भर खाये
छोले और भटूरे
फिर चटनी सँग बीस बताशे
गिनकर खाये पूरे
फिर टिक्की खस्ते पर आए
खाया इडली डोसा
मटर पकौड़ी तवा पराठा
छोड़ा नहीं समोसा
मखनी दाल वेज बिरियानी
खाई हलुआ पूरी
फिर पनीर के साथ छक गए
दस रोटी तंदूरी
रबड़ी और इमरती खायी
फिर रसगुल्ला खाया
और बनाना शेक पिया फिर
मीठा पान चबाया
चलते चलते मेजबान को
सौ का दिया लिफाफा
एक हजार का भोजन खाया
नौ सौ हुआ मुनाफा
राघव शुक्ल
पिता-श्री राम अवतार शुक्ल
माता-श्रीमती मालती शुक्ला
जन्मतिथि- 25.06.1988
जन्मस्थान- मोहम्मदी लखीमपुर खीरी उ प्र
शिक्षा -विज्ञान स्नातक, शिक्षा स्नातक, परास्नातक(गणित इतिहास,अंग्रेजी,हिन्दी)
सम्प्रति-अध्यापक बेसिक शिक्षा
लेखन विधाएं-गीत,गीतिका,दोहा
प्रकाशन-साहित्य मंजरी, गीत गागर, हस्ताक्षर, बालवाटिका, कविताकोश संग्रह ,साहित्यगंधा, राष्ट्र राज्य,अमर उजाला काव्य व अन्य पत्रिकाओं में प्रकाशन
बाल कविता,बाल गीत लिखने में विशेष अभिरुचि।
पता-राघव शुक्ल
रामलीला मैदान, पोस्ट मोहम्मदी
जिला लखीमपुर खीरी
पिन 262804
मेल-raghavshukla.rtr@gmail.com
मोबाइल 9956738558
Nice Article thanks For giving me Nice Information.
जवाब देंहटाएं