बाल गीत : डा. अजय जनमेजय
रेल चली छुक-छुक .
रेल चली छुक-छुक .
रेल में थे नाना ,
साथ लिए खाना .
खाना खाया चुप- चुप .
रेल चली छुक-छुक .
रेल में थे बच्चे,
छोटे -बड़े - अच्छे .
खेलें खेल लुक-छुप .
रेल चली छुक-छुक
रेल में थी दादी ,
बिलकुल सीधी-सादी .
देख रहीं टुक-टुक .
रेल चली छुक-छुक
रेल में थी मुनिया ,
देखने को दुनिया .
दिल करे धुक-धुक .
रेल चली छुक-छुक

डा.अजय जनमेजय
जन्म : २८ नवम्बर , १९५५ , हस्तिनापुर
शिक्षा : बी. एस-सी.एम्. बी. बी. एस. ;
प्रकाशित . पुस्तकें :
अक्कड़-बक्कड़ हो हो हो , हरा समंदर गोपी चंदर , नन्हें पंख ऊँची उडान
संपर्क :रामबाग कालोनी , बिजनौर