बाल-मंदिर परिवार

हमारे सम्मान्य समर्थक

गुरुवार, 2 जून 2011

खाऊँगी अब दही-बड़ा - उषा यादव




.शिशुगीत: डा. उषा यादव 
ए बी सी डी ई एफ जी ,
पढ़कर सारी अंग्रेजी .
 वन्या बोली-''बहुत पढ़ा,
खाऊँगी अब दही-बड़ा.''
माँ बोली तब हँसकर के -
''उल्टी-पुस्तक को धर के , 
झूँठ-मूँठ का पाठ पढ़ा ,
बिटिया कैसा दही-बड़ा ?''
डा. उषा यादव
जन्म : २ अप्रैल , १९४८ , कानपुर 
शिक्षा : एम्. ए. (हिंदी, इतिहास) 
पी-एच.डी. ; डी. लिट. 
बच्चों के लिए कहानी , उपन्यास , और कविताओं की कई पुस्तकें प्रकाशित . 
संपर्क: ७३, नार्थ ईदगाह कालोनी , आगरा  

6 टिप्‍पणियां:

  1. दही-बड़े जैसी टेस्टी बाल कविता...

    जवाब देंहटाएं
  2. अम्बिका का फोटो बहुत अच्छा लगा.

    जवाब देंहटाएं
  3. ए बी सी डी ई एफ जी ,
    पढ़कर सारी अंग्रेजी .
    वन्या बोली-''बहुत पढ़ा,
    खाऊँगी अब दही-बड़ा.''
    माँ बोली तब हँसकर के -
    ''उल्टी-पुस्तक को धर के ,
    झूँठ-मूँठ का पाठ पढ़ा ,
    बिटिया कैसा दही-बड़ा ?''
    The poem in the webpage has been disfigured. The real name is VANYA not Ambu

    जवाब देंहटाएं

टिप्पणी के लिए अग्रिम आभार . बाल-मंदिर के लिए आपके सुझावों/ मार्गदर्शन का भी सादर स्वागत है .