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गुरुवार, 4 अगस्त 2011

पानी बरसे झम -झम -झम .


बाल कविता : डा. महेंद्र  भटनागर 

पानी बरसे झम  -झम -झम . 
आगे-आगे 
गर्मी भागे 
हँस-हँस गाने गाएँ हम . 
पानी बरसे झम  -झम -झम . 
मेढक बोलें 
पंछी डोलें   
बादल गरजें जैसे बम . 
पानी बरसे झम  -झम -झम . 
नाव चलाएँ 
खूब नहाएँ .
आओ कूदें धम्मक -धम . 
पानी बरसे झम  -झम -झम . 

डॉ. महेंद्र  भटनागर
जन्म : 26/06/1926, ननसार, झाँसी (उ.प्र.)

बाल-किशोर साहित्य- हँस-हँस गाने गाएँ हम!, बच्चों के रूपक, देश-देश की बातें, जय-यात्रा, दादी की कहानियाँ, महेंद्रभटनागर-समग्र (विविध खंड 6)
सम्मान : ग्वालियर साहित्य अकादमी द्वारा अलंकरण-सम्मान-2004, हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग ने साहित्य वाचस्पति- 201
सम्पर्क सूत्र : सर्जना भवन 110, बलवन्तनगर, गांधी रोड, ग्वालियर-474 002 (म.प्र.)09893409793
निधन : 27 अप्रैल, 2020

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