नयी डायरी
नयी डायरी मुझे मिली है
इसमें अपना नाम लिखूँगा
होमवर्क या काम लिखूँगा।
किसने मारा, किसने डाँटा
बदनामों के नाम लिखूँगा। ।
इतिहासों में कली खिली है।
नयी डायरी मुझे मिली है।।
कारटून हैं मुझे बनाने,
हस्ताक्षर करने मनमाने ।
आप अगर रुपये देंगे तो
बन जायेंगे जाने-माने ।
भेंट दीजिए, कलम हिली है।
नयी डायरी मुझे मिली है ।
तेन्दुलकर के छक्के पक्के
कैच कुंबले के कब कच्चे ।
किया सड़क पर पूरा कब्जा '
बचके चलो', बोलते बच्चे । ।
लाई लप्पा टिली लिली है।
नयी डायरी मुझे मिली है।।
कविता - वविता
खाना वाना
रोटी ओटी
गाड़ी-वाड़ी ला ।
आँधी-गाँधी सात समुन्दर
लाड़ी खाड़ी जा ।।
डोसा ओसा
माल समोसा
ऊटी सूटी छा ।
कासीवासी
मथुरा वथुरा
पेड़-वेड़े खा ।
पानी-वानी,
नाना-नानी
आनाकानी ना ।
हा हा ही ही
हे हे हो हो
हाँ हाँ हाँ हाँ गा ।
बेईमान चूहे
चूहे बेईमान मेरा टोस ले गए।
टोस ले गऐ सन्तोष ले गए। ।
बेबी से मैंने जिसको छिपाया ।
डाली को दिखता करके चिढ़ाया।
खा भी न पाया, दोष दे गए।
चूहे बेईमान मेरा टोस ले गए ।
डाकू निडर मेरा होश ले गए।
चूहे बेईमान मेरा टोस ले गए।
ना उनके खेती, ना उनके पाती।
चूल्हा बिना फूँके खाते चपाती।
मेरी दवाई जल्दी से खाते ।
बाबा की लाठी चाहे छिपाते ।
नाना की ऐनक, छोड़ क्यों गए।
चूहे बेईमान मेरा टोस ले गए।
लोरी
कंतक थैयाँ घुनूँ मनइयाँ ।
चन्दा मामा पइयाँ पइयाँ ।
यह चन्दा चरवाहा है
नीले नीले खेत में।
बिलकुल संतमेंत में
रत्नों भरे रेत में ।
किधर भागता लइयाँ पइयाँ ।
कंतक थैयाँ घुनूँ मनइयाँ ।
अंधकार है घेरता ।
टेढी आँखो हेरता
चाँद नहीं मुँह फेरता ।
राकेट को है टेरता ।
मुन्ने को लूँगा मैं कइयाँ |
कंतक थैयाँ घुनूँ मनइयाँ। ।
मिट्टी के महलों के राजा ।
ताली तेरी बढ़िया बाजा । छोटा छोटा छोकरा ।
सिर पर रक्खे टोकरा ।
राम बनाये डोकरा ।
बने डोकरा करूँ बलइयाँ |
कंतक थैया घुनूँ मनइयाँ । ।