दिव्यांशी की पहली कविता 'आने वाले हैं सर !'
आने वाले हैं सर
कविता : दिव्यांशी शर्मा
पंखा चलता सर सर सर,
आने वाले हैं मेरे सर।
पूछेगें, 'क्या है करसर?'
तब घूमेगा मेरा सर!
जैसे धरती लगाए चक्कर,
देखूँगी मैं इधर-उधर ।
तभी दिखेगा कम्प्यूटर,
आ जाएगा आंसर।
दिव्यांशी शर्मा
कक्षा 4
रेयान इंटरनेशनल स्कूल,
शाहजहाँपुर
नया सोच, नया विषय,सरल सहज रचना। शुभकामनाएं प्रकाश तातेड़ उदयपुर
जवाब देंहटाएंप्यारी बिटिया की उससे भी प्यारी कविता
जवाब देंहटाएंनई सोच से भरपूर बेहतरीन बाल कविता
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता , बिटिया को बधाई
जवाब देंहटाएंसुखद एवं सराहनीय प्रयास।👍👍
जवाब देंहटाएंबाल मन की सहज अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंप्यारी कविता, बाल काव्य के सुखद भविष्य की ओर इंगित करती है।
जवाब देंहटाएंThank you for taking the time to publish this information very usefully!
जवाब देंहटाएंI have not any word to appreciate this post…..Really i am impressed from this post….
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