बाल रचना
सृजन पांडेय
बिल्ली मौसी बिल्ली मौसी ,
हर दिन तुम आ जाती हो ,
दूध अगर मिल जाता तुमको
उसको तुम पी जाती हो
मिल जाता है चूहा तुमको ,
उसको चट कर जाती हो .
शेर की मौसी हो तुम
इसलिए गुर्राती हो
बिल्ली मौसी , बिल्ली मौसी ,
हर दिन तुम आ जाती हो
बहुत अच्छा, अति सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसाधुवाद।
आनन्द विश्वास