चन्दा आओ
शिशुगीत :सतीश मिश्र
अम्मा कहती चन्दा आओ,
दूध कटोरा भर कर लाओ।
पर चन्दा के हाँथ न पैर,
कैसे कर पाएगा सैर?
पर यदि चन्दा आ ही जाए
मै भी उसके घर जाऊंगी,
चन्दा की अम्मा के हांथोँ
दूध भात जी भर खाऊंगी।
टिम टिम तारोँ से पूंछूंगी
क्योँ जगते हो सारी रात,
सूरज दादा को समझाऊं
जो गुस्सा रहता बिन बात।
सवा सेर की शेर
शिशुगीत :सतीश मिश्र
अनू हमारी प्यारी है ,
सतीश सर , आपकी कविता बहुत प्यारी है . आप ऐसी और कविताये बनाओ .
जवाब देंहटाएंशीलू जी!
जवाब देंहटाएंअवश्य प्रयाश करूंगा।